`Moon – क्या सच में खो जाएगा चांद, 6 घंटे का हो जाएगा दिन, जानें

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Moon – चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद से ही हर तरफ चांद की चर्चा हो रही है। चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद के उस इलाके की कई दिलचस्प तस्वीरें भेजी हैं, जो पहले कभी किसी ने नहीं देखीं। आज हम आपको चंद्रमा से जुड़े कई रहस्यों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

चंद्रमा कोई ग्रह नहीं –

चंद्रमा एक ग्रह नहीं बल्कि एक उपग्रह है। यह पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। इसके साथ ही यह सौर मंडल का पांचवां सबसे बड़ा प्राकृतिक उपग्रह है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, करीब 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थिया (मार्स के आकार का तत्व) के बीच भीषण टक्कर हुई थी, जिसके बाद बचे मलबे से चंद्रमा का निर्माण हुआ।

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साल 1969 में इंसान ने पहली बार चांद पर कदम रखा था। विज्ञान के अनुसार चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में बहुत कम है। इस वजह से चांद पर जाने से इंसान का वजन कम हो जाता है। मनुष्य का वजन वास्तविक वजन से लगभग 16.5 प्रतिशत कम हो जाता है।

एक शोध के मुताबिक चंद्रमा के कारण धरती पर रहने वाले लोगों की नींद प्रभावित होती है। इस शोध के अनुसार, अमावस्या के दिन लोगों को अच्छी नींद आती है, जबकि पूर्णिमा के दिन लोगों को कम नींद आती है। लेकिन अभी तक इस शोध की पुष्टि नहीं हो पाई है, क्योंकि विज्ञान इस बात को साबित नहीं कर पाया है। वैज्ञानिक इस बारे में शोध कर रहे हैं।

वर्तमान समय में चंद्रमा केवल अमावस्या के दिन ही दिखाई नहीं देता है, बल्कि एक दिन चंद्रमा पूरी तरह से छिप जाएगा। इसका कारण यह है कि हर साल चंद्रमा पृथ्वी से 3.78 सेमी दूर होता जा रहा है।

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