Kikar Ki Kheti Ke Fayde: कीकर की खेती किसानों के लिए आय का एक अच्छा साधन है। कीकर के पेड़ का उपयोग ईंधन और औषधीय रूप में किया जाता है। इसकी लकड़ी मार्केट में अच्छे दामों पर बिकती है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है। किसान खेती में तरह-तरह के प्रयोगों से भी अच्छी खासी कमाई करते हैं। देश के अलग-अलग राज्यों में किसान कई तरह के पेड़-पौधों की खेती करते हैं। इसी तरह आज हम नई तरह की खेती के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जो किसानों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है। कीकर की खेती एक ऐसी खेती है, जिसे बोने से किसानों को अच्छी रकम मिल सकती है।
कीकर की खेती रेतीली मिट्टी और दोमट मिट्टी वाले क्षेत्रों में की जाती है। यह शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में प्रचलित है। जहां का तापमान अधिक होता है। वहां कीकर की खेती अच्छी होती है। खास बात यह है कि 5 से 6 साल के अंदर किसानों को पेड़ों से कमाई होने लगेगी। खास बात यह है कि किसान चाहे तो कीकर के पेड़ से ही बीज लाकर इसकी बुवाई कर सकता है। वहीं, आप नर्सरी से भी कीकर के पौधे खरीद सकते हैं।
कीकर के पेड़ में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका उपयोग कई बीमारियों की रोकथाम में किया जाता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड और एंटी-माइक्रोबियल होते हैं। इसकी छाल और पत्तियों का इस्तेमाल कई बीमारियों से बचाव के लिए किया जाता है। कीकर का पेड़ मधुमेह, दस्त, बुखार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी है।
कीकर की पत्तियां, फली और छाल पशुओं के चारे के रूप में काम आती है। प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व होने के कारण यह पशुओं के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके प्रयोग से पशुओं के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होती है। लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने और ईंधन के रूप में किया जाता है। इसकी लकड़ी पर दीमक का असर नहीं देखा जाता है। दीमक प्रतिरोधी होने के कारण यह लकड़ी मार्किट में अच्छे दामों पर बिकती है।